Monday, January 25, 2016

सूचना के अधिकार (RTI) से संबंधित कुछ संक्षिप्त जानकारी


सूचना के अधिकार (RTI) से संबंधित कुछ संक्षिप्त जानकारी

RTI मलतब है 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' - यह कानून हमारे देश में 2005 में लागू हुआ।

'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' का उपयोग करके आप सरकार और सरकार के किसी भी विभाग से सूचना मांग सकते है। आमतौर पर लोगो को इतना ही पता होता है। परंतु इस के बारे में कुछ और रोचक जानकारी निम्न है -

- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' से आप सरकार से कोई भी सवाल पूछकर सूचना ले सकते है।
- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' से आप सरकार के किसी भी दस्तावेज़ की जांच कर सकते है।
- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' से आप दस्तावेज़ की प्रमाणित कापी ले सकते है।
- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' से आप सरकारी कामकाज में इस्तेमाल सामग्री का नमूना ले सकते है।
- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' से आप किसी भी कामकाज का निरीक्षण कर सकते हैं।

'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' कानून की निम्न धाराएँ हमारे काम की है -

- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' की धारा 6 (1) - RTI का आवेदन लिखने का धारा है।
- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' की धारा 6 (3) - अगर आपका आवेदन गलत विभाग में चला गया है, तो वह विभाग आपके आवेदन को 6 (3) धारा के अंतर्गत सही विभाग मे 5 दिन के अंदर भेज देगा।
- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' की धारा 7(5) - इस धारा के अनुसार BPL कार्ड वालों को कोई आरटीआई शुल्क नही देना होता।
- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' की धारा 7 (6) - इस धारा के अनुसार अगर आरटीआई का जवाब 30 दिन में नहीं आता है तो सूचना निशुल्क में दी जाएगी।
- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' की धारा 18 - अगर कोई अधिकारी जवाब नही देता तो उसकी शिकायत सूचना अधिकारी को दी जाए।
- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' की धारा 8 - इस के अनुसार वो सूचना RTI में नहीं दी जाएगी जो देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हो या विभाग की आंतरिक जांच को प्रभावित करती हो।
- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' की धारा 19 (1) - अगर आपके RTI आवेदन का जवाब 30 दिन में नहीं आता है, तो इस धारा के अनुसार आप प्रथम अपील अधिकारी को प्रथम अपील कर सकते हैं।
- 'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' की धारा 19 (3) - अगर आपकी प्रथम अपील का भी जवाब नही आता है तो आप इस धारा की मदद से 90 दिन के अंदर दूसरे अपील अधिकारी को अपील कर सकते हैं।

'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' का आवेदन कैसे लिखे?

इसके लिए आप एक सादा पेपर लें और उसमे 1 इंच की कोने से जगह छोड़े और नीचे दिए गए प्रारूप में अपने RTI का आवेदन लिख लें
...................................
सूचना का अधिकार 2005 की धारा 6(1) और 6(3) के अंतर्गत आवेदन।
सेवा में,
(अधिकारी का पद)/
जनसूचना अधिकारी
विभाग का नाम.............
विषय - RTI Act 2005 के अंतर्गत .................. से संबधित सूचनाऐं।
अपने सवाल यहाँ लिखें।

1-..............................
2-...............................
3-..............................
4-..............................

मैं आवेदन फीस के रूप में 10रू का पोस्टलऑर्डर ........ संख्या अलग से जमा कर रहा /रही हूं।
या
मैं बी.पी.एल. कार्डधारी हूं। इसलिए सभी देय शुल्कों से मुक्त हूं। मेरा बी.पी.एल.कार्ड नं..............है।
यदि मांगी गई सूचना आपके विभाग/कार्यालय से सम्बंधित
नहीं हो तो सूचना का अधिकार अधिनियम,2005 की धारा 6 (3) का संज्ञान लेते हुए मेरा आवेदन सम्बंधित लोकसूचना अधिकारी को पांच दिनों के समयावधि के अन्तर्गत हस्तान्तरित करें। साथ ही अधिनियम के प्रावधानों के तहत
सूचना उपलब्ध् कराते समय प्रथम अपील अधिकारी का नाम व पता अवश्य बतायें।
भवदीय
नाम:....................
पता:.....................
फोन नं:..................
हस्ताक्षर...................
ये सब लिखने के बाद अपने हस्ताक्षर कर दें।

कुछ और जानकारियाँ -
- केंद्र से सूचना मांगने के लिए आप 10 रु देते है और एक पेपर की कॉपी मांगने के 2 रु देते है।
- हर राज्य का RTI शुल्क अगल अलग है जिस का पता आप कर सकते हैं।

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'Right to information' अर्थात 'सूचना का अधिकार' का सदप्रयोग करें।

(संकलित जानकारी)

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