अजमेर, 20 अक्टूबर, 2016
अफगानिस्तान सरकार के 12 सदस्य दल ने आज अजमेर का दौरा किया तथा अजमेर के जन संगठनों के कार्यकर्ताओं से भेंट कर सूचना के अधिकार पर संवाद स्थापित किया. पी.यू.सी.एल.(People's Union for Civil Liberties) की ओर से समीक्षा परिसर में आयोजित कार्यक्रम में भारत में सूचना के अधिकार कानून के प्रारूप तथा उसकी क्रियान्विति की स्थिति पर चर्चा की गई. पी.यू.सी.एल. के राज्य उपाध्यक्ष डी.एल. त्रिपाठी ने अफगानी प्रतिनिधि मण्डल का स्वागत करते हुए सूचना के अधिकार कानून के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी. राज्य महासचिव डॉ. अनन्त भटनागर ने सूचना के अधिकार कानून के क्षेत्र में जन भागीदारी की जानकारी दी तथा भारत में सफलता के उदाहरण बतलाए. केशव राम सिंघल ने कहा कि भारत में प्रशासन के कुछ लोग जो पारदर्शिता नहीं चाहते, वे सूचना के अधिकार की पालना नहीं करते या गुपचुप तरीके से विरोध करते है, पर अच्छी बात यह है कि भारत की न्याय व्यवस्था ने अपने फैसलों से सूचना के अधिकार को संबल दिया है. सूचना के अधिकार से प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता आती है.
अफगानिस्तान प्रतिनिधि दल के अध्यक्ष सैयद इकराम अफजाली ने बताया कि अफगानिस्तान में भी भारत से प्रेरणा लेकर सूचना का अधिकार कानून बनाया गया है, किन्तु अभी वह शुरूआती दौर में है. उन्होंने कहा कि भारत में जनता द्वारा संघर्ष कर यह कानून प्राप्त हुआ है, इस कारण जनता इसका उपयोग कर रही है. अफगानिस्तान में यह कानून सरकार द्वारा दिया गया है, इस कारण जनता इसका उपयोग कम कर रही है. अफगानिस्तान प्रतिनिधि दल का भारत यात्रा का उद्देश्य यहॉ के सूचना के अधिकार को लागू किये जाने से आ रहे बदलाव को जानना तथा इसके क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को समझना है.
प्रतिनिधि दल ने चर्चा करते हुए प्रशासन के कार्यों में पारदर्शिता लाने व जबाबदेही के लिए सूचना के अधिकार को कारगर बताते हुए इसकी जरूरत पर बल दिया. प्रतिनिधि मण्डल में आठ प्रतिनिधि कमिशनर - अज़ीज फैज़ी, अब्दुल शौकोर, नाज़ीबा, होवा अलाम नूरिस्तानी, नूर वली खान, हामिद फ़ैजली, अहमद जमशेद अमीरी, दानिश कारोखेल व तीन सदस्यगण - एनुद्दीन, वाहुल्ला मिशबाह व साफिउल्लाह शामिल थे. चर्चा में शकील अहमद , सिस्टर अलवीना, राधावल्लभ शर्मा, अन्जू नयाल ने भी अपने विचार रखे. पी.यू.सी.एल. जिलाध्यक्ष ओ.पी. रे ने सभी अफगानी अतिथियों का भारत आगमन पर धन्यवाद ज्ञापित किया. प्रतिनिधि मण्डल ने बैठक पश्चात ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत की. शेखजदा जुल्फीकार चिश्ती ने उन्हें जियारत कराई व दस्तारबन्दी की.
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