सामान्य रूप से आवेदक सूचना प्राप्त करने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना अधिकारी को अपना आवेदन भेजते हैं। अमूमन देखा गया है कि कुछ सूचना अधिकारी कोई छोटा-मोटा आक्षेप लगाकर या तो सूचना देने में आनाकानी करते हैं या फिर सूचना देने के लिए प्रार्थी को अपने कार्यालय बुलाते हैं।
इस सम्बन्ध में एक अपील निर्णय हमारी जानकारी में आया हैं जिसमें मुख्य सूचना आयुक्त ने निर्णय देकर सूचना अधिकारी को पाबन्द किया कि वह आदेश प्राप्ति के पंद्रह दिनों में जानकारी रजिस्टर्ड डाक से अपीलार्थी को भेज दे। माननीय एम डी कौरानी, मुख्य सूचना आयुक्त का निर्णय (पुरुषोत्तम पाराशर बनाम अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका मंडल पुष्कर अपील संख्या 54 / 2009 निर्णय दिनांक 7-8-2009) महत्वपूर्ण है, जिसमे प्रत्यर्थी पक्ष का कथन था कि सारी सूचना उनके पास तैयार है परन्तु अपीलार्थी अनुरोध करने के उपरान्त भी लेने के लिए नहीं आये। माननीय महोदय ने निर्णय में लिखा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत यह अनिवार्य नहीं कि सूचना लेने के लिए कोई व्यक्ति अनिवार्य रूप से कार्यालय में आकर प्राप्त करे। यदि प्रत्यर्थी पक्ष ने छायाप्रतियां तैयार कर ली हैं तो अब उन्हें इस आदेश की प्राप्ति के पंद्रह दिवस में उन प्रतियों को रजिस्टर्ड डाक से अपीलार्थी को प्रस्तुत कर देनी चाहिए।
इस प्रकार यह स्पष्ट हुआ है कि सूचना लेने के लिए आवेदक का कार्यालय में जाना आवश्यक नहीं है।
(साभार - आरटीआई एक्टीविस्ट देवेंद्र सक्सेना, वैशाली नगर, अजमेर, जिनसे यह महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।)
शुभकामनाओं सहित,
केशव राम सिंघल